परिचय
हिन्द केसरी सेना एक निजी सेना है जिसका गठन १९वीं शताब्दी में भारत में हुआ था। हिंद केसरी सेना की स्थापना बाल गंगाधर तिलक ने की थी, जो एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी और समाज सुधारक थे। संगठन की स्थापना १८९९ में पुणे, महाराष्ट्र में भारतीय राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का विरोध करने के उद्देश्य से की गई थी।
हिंद केसरी सेना अपने उग्र दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है विरोध, प्रदर्शन और यहाँ तक कि सशस्त्र विद्रोह सहित कई ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों में सेना शामिल थी। यह संगठन सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी शामिल है, जैसे कि भारतीय भाषाओं, साहित्य और कलाओं को बढ़ावा देना।
छत्रपति शिवाजी महाराज के सुशासन, उनकी नीतियों और राष्ट्रवादी विचारधारा में अटूट विश्वास रखने वाले बाल गंगाधर तिलक ने शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर संगठन को उन्हीं की तरह ही संचालित किया तथा अपने अंतिम समय तक संगठन को जीवित रखने का हर संभव प्रयास किया। ब्रिटिश शासन के दौरान संगठन को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
वर्ष २००७ में मूल पश्चिम कच्छ गुजरात के भाई श्री जतीन गोरी के द्वारा हिन्द केसरी सेना को पुनर्जीवित किया गया, संगठन की पुनःस्थापना की गई और संगठन में जरूरी एवं महत्वपूर्ण बदलाव किए गए। छत्रपति शिवाजी महाराज में अटूट आस्था और विश्वास रखने वाले भाई श्री जतीन गोरी ने अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा से हिन्द केसरी सेना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है तथा इस महान परंपरा को वे आगे ले जा रहे है।
संगठन का निर्माण सनातन समाज को समरसता के माध्यम से संगठित करने के लिए, समाज को सशक्त बनाने और समाज को भयमुक्त बनाने के लिए किया गया है। संगठन के मुख्य उद्देश्यों के अनुसार भारत के हर एक गांव तक यात्रा कर संगठन की ग्राम समितियों का गठन करना, समरसता द्वारा समाज को मुख्य धारा में लाना, समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना और सनातनी भाइयों और बहनों को सशक्त बनाना है.
संगठन के माध्यम से गौ सेवा की दिशा मे तथा गौ माता को कतलखाने में जाने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण और जरूरी निर्णय लिये जायेंगे तथा गौचर भूमि कब्जा मुक्त करवाई जाएगी और इस दिशा में अविरत कार्य किए जाएंगे। संस्था के माध्यम से ग्राम हनुमान चालीसा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक गांव, शहर, तहसील, जिले और राज्यों में कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपकर सनातन समाज को अधिक से अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए निरंतर कार्य किया जाएगा।
संगठन के माध्यम से सनातन समाज के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की व्यवस्थाए खड़ी की जायेगी। पीड़ितों की सुरक्षा के लिए सिस्टम और राज्य सरकारों के साथ समन्वय बनाकर पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय एवं निरंतर कार्य किए जाएंगे। अतीत में विदेशी आक्रमण के कारण धर्म परिवर्तन करने वाले सनातनी भाइयों और बहनों की घर वापसी का मार्ग आसान और सुखमय हो ऐसी व्यवस्थाओं का निर्माण किया जाएगा.